दो दोस्तों की परीक्षा | Short stories in Hindi | Best Moral stories in Hindi | Stories in Hindi

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एक बार की बात है। दो घनिष्ठ दोस्त थे – रोहित और अमित। वे हमेशा साथ खेलते, खाते-पीते और हर बात एक-दूसरे से साझा करते। वे खुद को सच्चा दोस्त कहते और कसम खाते कि चाहे कुछ भी हो जाए, एक-दूसरे का साथ कभी नहीं छोड़ेंगे।

एक दिन वे जंगल घूमने निकल पड़े। रास्ते में बातें करते-करते वे गहरे जंगल में पहुँच गए। अचानक झाड़ियों से खड़खड़ाहट की आवाज़ आई। जब उन्होंने ध्यान से देखा तो पाया कि एक बड़ा सा भालू उनकी ओर आ रहा है। दोनों डर गए।

रोहित को डर इतना लगा कि वह तुरंत पास के एक ऊँचे पेड़ पर चढ़ गया। वह चढ़ तो गया, लेकिन अपने दोस्त अमित को भूल गया। अमित पेड़ पर नहीं चढ़ सकता था। उसने जल्दी से जमीन पर लेट कर सांस रोक ली, जैसा कि उसे किसी ने बताया था कि भालू मरे हुए इंसानों को नहीं खाता।

भालू अमित के पास आया, उसे सूँघा, उसके कान के पास कुछ फुसफुसाया और फिर वहाँ से चला गया।

अब रोहित पेड़ से उतरा और हँसते हुए बोला, “अरे अमित! भालू तुम्हारे कान में क्या कह रहा था?”

अमित ने गहरी साँस लेते हुए कहा, “भालू ने कहा – ऐसे दोस्तों से दूर रहो जो मुसीबत में तुम्हें अकेला छोड़ देते हैं।”

यह सुनकर रोहित को बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई। उसने अमित से माफ़ी माँगी।
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👉 सीख: सच्चा दोस्त वही होता है जो मुसीबत में साथ दे। कठिन समय में साथ छोड़ देने वाले दोस्त पर भरोसा नहीं करना चाहिए।

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